मुंबई, 1 जून 2023- निजी क्षेत्र के एक प्रमुख पावर ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर और सॉल्यूशन प्रोवाइडर स्टरलाइट पावर ने अपने फ्लैगशिप प्...
मुंबई, 1 जून 2023- निजी क्षेत्र के एक प्रमुख पावर ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर और सॉल्यूशन प्रोवाइडर स्टरलाइट पावर ने अपने फ्लैगशिप प्रोजेक्ट मुंबई ऊर्जा मार्ग पावर ट्रांसमिशन (एमयूएमएल) के निर्माण में तेजी लाने के लिए एविएशन ऑपरेशंस शुरू करने की घोषणा की है। पाडघा से खारगर को जोड़ने वाले 400केवी ट्रांसमिशन कॉरिडोर को तेजी से पूरा करने के लिए स्टरलाइट पावर ने इलाके की चुनौतियों से निपटने और सामग्री को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने के काम में तेजी लाने के लिए अत्याधुनिक हल्के हेलीकाप्टरों को सक्रिय रूप से तैनात किया है। यह ट्रांसमिशन कॉरिडोर मुंबई को राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ता है।
हवाई संचालन में 2 महीने की अवधि में लगभग 3000 मीट्रिक टन सामग्री की आवाजाही शामिल होगी। प्रति उड़ान 1000 किलोग्राम तक की भार वहन क्षमता वाले हल्के वजन वाले हेलीकॉप्टर एएस 350 बी3 को मुंबई क्षेत्र और उसके आसपास के कई स्थानों पर भारी उपकरण और सामग्री के परिवहन के लिए सेवा में लगाया जाएगा। इस कठिन कार्य को पूरा करने के लिए, 13 एकड़ के एक हेलीकॉप्टर यार्ड का निर्माण किया गया है और मशीन को यात्रा के लिए लोड किया गया है।
स्टरलाइट पावर की मुंबई ऊर्जा मार्ग परियोजना मुंबई की बढ़ती बिजली की मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र की योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। राष्ट्रीय महत्व की एक परियोजना के रूप में प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा प्रगति पोर्टल के माध्यम से मुंबई ऊर्जा मार्ग पावर ट्रांसमिशन की बारीकी से निगरानी की जा रही है। एक बार चालू हो जाने के बाद, परियोजना में मुंबई और नवी मुंबई को 2000 मेगावाट से अधिक अतिरिक्त बिजली उपलब्ध कराने की क्षमता होगी।
कंपनी द्वारा टैक्नोलॉजी के इस्तेमाल के बारे मंे जानकारी देते हुए श्री मनीष अग्रवाल, डायरेक्टर और सीईओ - इंडिया ट्रांसमिशन, स्टरलाइट पावर ने कहा, ''हमने निरंतर यही प्रयास किया है कि विकास के अग्रदूत के रूप में टैक्नोलॉजी का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। इस प्रोजेक्ट के लिए एविएशन ऑपरेशन हमारी ओर से इसी तरह का एक सक्रिय कदम है और इससे सामग्री की डिलीवरी के लिए टर्नअराउंड समय कम करके मुंबई ऊर्जा मार्ग पावर ट्रांसमिशन को काफी लाभ होगा, इस प्रकार, परियोजना को पूरा करने के काम में तेजी आएगी। इन नवीन तकनीकी उपायों के साथ, स्टरलाइट पावर का लक्ष्य समय, स्थान और पूंजी की प्रमुख बाधाओं को दूर करने की दिशा में कदम उठाना है, ताकि सबसे कठिन परियोजनाओं को समय पर या उससे पहले पूरा किया जा सके।''
उन्होंने आगे कहा, ''यह स्टरलाइट पावर का सातवां एविएशन ऑपरेशन है। यह इनोवेशन की दिशा में संगठन की कोशिशों का एक बेहतर प्रदर्शन है और विश्वसनीय शक्ति के साथ भारत के सबसे अंधेरे कोनों को रोशन करने के हमारे अटूट संकल्प को मजबूत बनाता है।''
देश में पावर ट्रांसमिशन के क्षेत्र में कुछ सर्वश्रेष्ठ वैश्विक प्रथाओं को पेश करने में स्टरलाइट पावर अग्रणी है, जिसमें कश्मीर में अपनी मेगा परियोजना के लिए पहली बार हेलीक्रेन का उपयोग शामिल है। कंपनी ने एनईआर-द्वितीय परियोजना के लिए भी इसी तरह के प्रयास किए थे, जहां भारी सामग्री पहुंचाने के लिए हेलीकाप्टरों का इस्तेमाल किया गया था। हमेशा बदलते तकनीकी परिदृश्य में स्टरलाइट पावर की यही कोशिश रहती है कि उसके सभी कदम सस्टेनेबल डेवलपमेंट को हासिल करने की दिशा में उठाए जाएं।
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