आरोपीयों से 01 लेपटॉप, 14 मोबाईल फोन, 1 आईपेड, 15 डेबिट / क्रेडिट कार्ड, 6 चैक बुक, 2 वॉकी टॉकी सेट, 3 हिसाब का रजिस्टर व अन्य उपकरण व हुण्ड...
Sprinters online gaming नामक गुगल पर दिये गये लिंक के माध्यम से करते हैं लोगों के साथ धोखाधडी, आरोपी पुलिस से बचने के लिये करते हैं वॉकी टॉकी का इस्तेमाल
जयपुर। राजधानी के एक टॉवर में मुखबीर से प्राप्त सूचना के बाद हरमाड़ा पुलिस ने छापेमारी कर आनलाइन गैमिंग ऐप से करोड़ों की ठगी करने वाली गैंग को पकड़ा है। पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम वन्दिता राणा ने बताया कि जयपुर पश्चिम के सभी सहायक पुलिस आयुक्तगणों व थानाधिकारीगणों को अभियान चलाकर टीमों का गठन कर अपने-अपने थाना क्षेत्रों में फलेटस में निवास कर रहे लोगों का सत्यापन कर संदिग्धों से पुछताछ व उनका बैकग्राउंड चैक करने बाबत निर्देशित किया गया। इस अभियान को रामसिंह अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त पश्चिम के सुपरविजन में राजेन्द्र सिंह निर्वाण सहायक पुलिस आयुक्त वृत चौमू के निर्देशन में हरिपाल सिंह थानाधिकारी पुलिस थाना हरमाडा जयपुर पश्चिम के नेतृत्व में टीम का गठन कर हरमाड़ा थाना क्षेत्र में सीकर रोड पर स्थित फलेटों की चैकिंग हेतु शुरू किया गया।
टीमों ने मुखबीर से प्राप्त सुचना पर बडपिपली सीकर रोड स्थित गुरुशिखर शेखावाटी बिल्डिंग में स्थित फलेट नम्बर 404 में दबिश दी गयी। दौराने धरपकड अवैध ऑनलाईन गैंमलिंग करते हुये फुलचन्द, भवानी सिंह, आकाश व जतिन चौहान को गिरफतार किया। इनके कब्जे से 01 लेपटॉप, 14 मोबाईल फोन, 1 आईपेड, 15 डेबिट / क्रेडिट कार्ड, 6 चैक बुक, 2 वॉकी टॉकी सेट, 3 हिसाब का रजिस्टर व अन्य उपकरण व एक आई 20 कार नम्बर आरजे 27 सीजी 4427 को बरामद कर मामला दर्ज। गिरफतार आरोपियों से पुछताछ जारी है।
ऐसे करते थे ठगी
आरोपीगणों ने sprinteronline.in नामक लिंक गुगल पर उपलब्ध करवा रखा है। sprinteronline.in नामक लिंक पर जाने के बाद यहां से लोगों को ऑनलाईन वाटसअप लॉगिन करवाया जाता है जिस पर आरोपीगणों द्वारा लोगों को ऑनलाईन आईडी व पासवर्ड मास्टर आई डी टैब से क्लाईट की आई / डी tiger exchange, spirnters 777, spirnters999, spirntersBET बनाते है आई / डी बनाने के बाद आई / डी में ही कस्टमर ऑनलाईन ही पेमेन्ट 100 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक ट्रान्जेक्शन करते हैं उसके बाद वाटसअप लिंक से गुगल पर ऑनलाईन हार जीत का जुआ खेलने के लिए कस्टमर को गैम खिलवाते हैं। जिसके द्वारा लोगों को ज्यादा पैसे कमाने का झासा देकर लोगों से छलपूर्वक रूपये खातों में डलवा लेते हैं, उसके पश्चात स्वयं के व अन्य के खातों में ट्रांसफर कर देते हैं।
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