जयपुर, 26 दिसम्बर। राजस्थान पंचायत समिति सदस्य संघ की ओर से राजस्थान सरकार से अपनी 9 सूत्री मांगो को लेकर प्रेस वार्ता का आयोजन ...
जयपुर, 26 दिसम्बर। राजस्थान पंचायत समिति सदस्य संघ की ओर से राजस्थान सरकार से अपनी 9 सूत्री मांगो को लेकर प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता के दौरान राजस्थान पंचायत समिति सदस्य संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सुरपुरा, संयोजक भगवान सिंह जादौन, संघ के महामंत्री सुरेश चौहान, प्रेदश उपाध्यक्ष (Rtd. IRS ) गिरिराज मीणा, प्रवक्ता महेश यादव भी मौजूद रहे। इस दौरान संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सुरपुरा ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं कि त्रिस्तरीय व्यवस्थाओं के पंचायत समिति सदस्य महत्वपूर्ण अंग होते हैं। इसके बावजूद भी पंचायत समिति सदस्यों को किसी भी प्रकार के प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार मिले हुए नहीं है। सदस्य मात्र पंचायत समिति की साधारण सभा की कोरम पूर्ति करने के संसाधन मात्र होते हैं। हमारी सरकार से मांग है कि पंचायत समिति सदस्यों को मजबूत करने का काम करें जिससे ग्रामीण राजस्थान के सशक्तिकरण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि अभी खंडस्तर पर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया है। अब प्रदेश के सभी जिलों के जिला कलेक्टर्स को पंचायतराज मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने की तैयारी चल रहा है। इसके बाद पंचायत राज मंत्री और मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांगों का मांग पत्र सौंपा जाएगा। इसके बावजूद भी पंचायत समिति सदस्यों की मांगों पर सरकार का ध्यान नहीं गया तो मजबूरन बजट सत्र के दौरान पूरे राजस्थान के पंचायत समिति सदस्य एकजुट होकर विधानसभा का घेराव करेंगे और अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। और जब तक सरकार हमारी मांगे नही मानती तब तक पूरे राजस्थान में पंचायत समिति सदस्यों के द्वारा कार्यों का बहिष्कार किया जाएगा। जिसमें साधारण सभा की मीटिंग और स्थायी समिति की बठको का बहिष्कार किया जाएगा। मुख्यमंत्री जी अगर हमारी मांगे मानने के लिए हमें आश्वस्त नहीं करंगे तो हमें सड़क पर उतरकर आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
राजस्थान पंचायत समिति सदस्य संघ के प्रदेश संरक्षक मुकेश शर्मा ने बताया कि पंचायत समिति सदस्य का निर्वाचन क्षेत्र सरपंच से भी बड़ा होता है समस्त समस्याओं व तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए, प्रदेश के हजारों पंचायत समिति सदस्यों की सरकार से निम्नलिखित मांगों हैं।
1. सरपंच, प्रधान व जिला प्रमुख की भांति पंचायत समिति सदस्यों को भी प्रशासनिक अधिकार, विभिन्न दस्तावेजों का सत्यापन, प्रमाणीकरण करने का अधिकार देने के लिए विभाग स्तर से प्रपत्र जारी किया जाए।
2. अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र व राज्यों से प्राप्त अनुदान राशि मे से पंचायत समिति सदस्यों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने निर्वाचित क्षेत्र में विकास करवाने हेतु निर्धारित अनुपात में राशि उपलब्ध करवाई जाए।
3. अपने वार्ड में पंचायत समिति के मद से विकास कार्य स्वीकृत करवाने के लिए संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा प्रपत्र 5 दिए जाने की अनिवार्यता को हटाया जाए, इसकी जगह पंचायत समिति सदस्यों से प्रपत्र 5 लिए जाने की स्वीकृति जारी की जाए।
4. स्वायत्तशासी संस्थाओं के पार्षदों व पंचायत राज संस्थाओं के प्रधान, जिला प्रमुख व सरपंच की भांति पंचायत समिति सदस्यों को भी मासिक मानदेय न्यूनतम ₹10,000 स्वीकृत किए जाएं।
5. सदस्यों के वार्ड में होने वाले प्रत्येक विकास कार्यों के पूर्णतया, उपयोगिता प्रमाण पत्र पर पंचायत समिति सदस्य के हस्ताक्षर अनिवार्य किए जाएं।
6. पंचायत समिति सदस्य के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली पंचायत की, कोरम बैठकों में लिए जाने वाले निर्णय में कोरम के साथ विशेष आमंत्रित सदस्य के रुप में शामिल किए जाने को लेकर विभाग से परिपत्र जारी करवाएं।
7. वार्ड क्षेत्र में होने वाले प्रत्येक विकास कार्य की शिलालेख पट्टिका पर पंचायत समिति सदस्य का नाम लिखे जाने को लेकर विभाग से परिपत्र जारी किया जाए।
8. पंचायत समिति सदस्य के वार्ड में पंचायत समिति से स्वीकृत विकास कार्य मे सदस्य की अनुशंसा अनिवार्य की जाए।
9. सदस्य के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली पंचायतों के विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति वित्तीय स्वीकृति आदि का प्रगति विवरण उपलब्ध करवाने के दिशा निर्देश जारी किए जाएं।
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