20 लाख लोगों से करीब 1500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी करते हुए 29...
अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी करते हुए 29 अक्टूबर को किया है तलब
जयपुर। ईडी मामलों की विशेष अदालत ने बीस लाख लोगों से करीब पन्द्रह सौ करोड़ रुपए धोखाधड़ी क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी से जुड़े मामले में मुख्य आरोपी मुकेश मोदी व अन्य निदेशकों सहित रिद्धि सिद्धि ग्रुप ऑफ कंपनीज व वीरेंद्र मोदी ग्रुप ऑफ कंपनीज व अन्य कंपनियों, फर्मों और कंपनियों जिम्मेदार कुल 124 के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया है।
अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी करते हुए 29 अक्टूबर को तलब किया है। अदालत ने यह आदेश ईडी की ओर से पेश परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए।
ईडी के विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि पूर्व में इस मामले में एसओजी ने 13 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था, लेकिन जांच ईडी के पास आने पर इसमें अन्य लोगों, फर्मों, कम्पनियों के खिलाफ मिलीभगत सामने आई हैं।
दरअसल ED ने यह मामला 22 मार्च 2019 को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज किया था। इसके पहले अन्य जांच एजेंसी ने मुकेश मोदी सहित सभी आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था।
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच में खुलासा हुआ था कि सोसायटी ने अपनी जमा राशि पर ऊंची ब्याज दर देने का झांसा देकर निवेशकों को लुभाया था। वहीं मुख्य आरोपी मुकेश मोदी ने अपने रिश्तेदारों वीरेंद्र मोदी, भरत मोदी, राहुल मोदी, रोहित मोदी, प्रियंका मोदी, आदि और सोसायटी के अधिकारियों सहित, अपने सहयोगियों के साथ मिलकर निवेशकों के फंड से पैसा निकाला। वहीं बाद में ने फर्जी लोन का लाभ उठाते हुए सोसाइटी से अपने रियल एस्टेट व्यवसाय के नाम पर धन निकालने के एकमात्र उद्देश्य से कई कंपनियों व फर्मों को पंजीकृत कराया। उन्होंने शेयर के तौर पर इन कंपनियों में सोसायटी के धन का निवेश किया अपने परिजनों व कंपनियों को ही वेतन, प्रोत्साहन और कमीशन के जरिए भारी मात्रा में धन डायवर्जन किया। मुख्य आरोपी मुकेश मोदी व अन्य के इस कार्य से लाखों लोगो को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ।मामले में ईडी ने सौ से अधिक बयान दर्ज कर 47,500 से अधिक पेज का परिवाद दायर किया था।
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