इसके लक्षणों को पहचानकर समय पर इलाज और विटामिन लेते रहने से मिलती है राहत। जयपुर। पहले 60 या 65 की उम्र में घुटने खराब होते थे, ...
जयपुर। पहले 60 या 65 की उम्र में घुटने खराब होते थे, लेकिन अब 40-45 की उम्र ही घुटनों की ग्रीस खत्म होने के केस बढ़ रहे हैं। ऐसा मॉडर्न लाइफ स्टाइल के कारण भी हो रहा है। यह कहना है डॉ आशीष राणा गोयल सीनियर ऑर्थोपेडिक का। ऐसे में 40 वर्ष की आयु के बाद लाइफ स्टाइल को मेंटेन करना जरूरी है।
देखा जाता है, कि ज्यादा देर खड़े रहने और उकडू बैठने से घुटनों में दर्द होता है। सीढ़ियां चढ़ने-उतरने में दिक्कत आती है। यह घुटने की ग्रीस या चिकनाई खत्म होने का संकेत हैं। यह श्लेष द्रव (ग्रीस) जोड़ों को हिलने-डुलने में मदद करता है। दोनों को आपस में रगड़ने से रोकता है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने पर यह खत्म होना शुरू हो जाता है। जब पूरी तरह से कार्टिलेज घिस जाता है। घुटना बदलना ही इलाज है।
क्या-क्या कारण हैं?
डॉ आशीष राणा गोयल सीनियर ऑर्थोपेडिक का कहना है कि वॉक नहीं करना, हेल्दी डाइट नहीं लेना, लंबे समय तक बैठे रहना, विटामिन डी-3 की कमी। एक्सरसाइज नहीं करना। डाइट नहीं लेने से विटामिन नहीं मिलता है और ग्रीस कम होने लगती है।
ऐसे बचा जा सकता है-
30 से 40 मिनट रोजाना वॉक करें। बादाम, अखरोट और नारियल पानी लें, वजन नहीं बढ़ने दें, लंबे समय तक नहीं बैठे। विटामिन डी-3 का टेस्ट कराएं। एक्सरसाइज करें, जिससे ग्रीस को न्यूट्रीशन मिलता है। वजन बढ़ने से घुटनों पर जोर पड़ता है, इसलिए वजन कंट्रोल रखे।
ऐसे हो सकती है पहचान:
अंदर के जॉइंट में आगे की तरफ दर्द हो रहा है, नीचे बैठकर फिर से खड़े होने में दिक्कत और ज्यादा देर खड़े रहने पर दर्द होता है। चोट लगने से भी कई बार ग्रीस का टुकड़ा टूट जाता है।
कब खत्म होती है ग्रीस:
अधिकांश 60-65 की उम्र में घुटने की ग्रीस खत्म होती है, लेकिन वर्तमान में 40-45 वर्ष में यह खत्म हो रही है। ये ही वजह है, कि 50 की उम्र में घुटने बदलने के केस बढ़े हैं।
COMMENTS