सुरों से रोशन हुई शाम ए गजल जयपुर 21 जून। विश्व संगीत दिवस की संध्या पर मंगलवार 21 जून को जवाहर कला केन्द्र द्वारा रंगायन सभागार में शाम ए...
सुरों से रोशन हुई शाम ए गजल
जयपुर 21 जून। विश्व संगीत दिवस की संध्या पर मंगलवार 21 जून को जवाहर कला केन्द्र द्वारा रंगायन सभागार में शाम ए गजल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जयपुर के गजल गायक जावेद हुसैन ने अपनी आवाज के जादू से इस खास कार्यक्रम में समा बाँधा। शाम ए गजल में जावेद ने प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह, पंकज उधास, तलत अजीज, उस्ताद अहमद हुसैन, मेहंदी हसन, लता मंगेशकर, गुलाम अली साहब की गायी हुई गजलें पेश की जिन्हें सुनकर श्रोता झूम उठे।
बही प्रेम की बयार...
पंकज उधास की गजल-आप जिनके करीब होते हैं, वो बड़े खुशनसीब होते हैं के साथ जैसे ही कार्यक्रम का आगाज हुआ तो सभागार में मौजूद लोग रोमांचित हो उठे। इसके बाद जावेद की ओर से जगजीत सिंह की गजल-होठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो को छेड़ते ही प्रेम की बयार बह उठी।
जावेद व अनुराधा की जोड़ी ने बिखेरी खुशबू...
गजलों की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मेहंदी हसन की गजल रंजिश ही सही... गुलाम अली की गजल कच्ची दीवार हूं ठोकर न लगाना मुझको, पेश की गयीं। जावेद हुसैन और अनुराधा कडेल की जोड़ी ने गजल संध्या में तलत अजीज एवं लता मंगेशकर की गायी गजल-फिर छिड़ी रात फूलों की...गाकर सुरों की खुशबू बिखेरी। कार्यक्रम में सितार पर हरिहरन शरण भट्ट, वायलिन पर मनभावन डांगी, गिटार पर बिलाल हुसैन, तबले पर मेहराज हुसैन, बोर्ड पर रहबर हुसैन ने गीतों में ताल दी। जावेद की आवाज में जगजीत सिंह, चित्रा सिंह द्वारा गायी गजल-ये शोहरत भी ले लो और पंकज उधास की गायी मशहूर गजल चांदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल...के साथ गजल संध्या का समापन हुआ।
संगीत के बिना जीवन अधूरा है...
जावेद हुसैन संगीत से ताल्लुक रखने वाले परिवार से आते हैं। सुर और ताल के बीच में ही उनकी परवरिश हुई है। बाॅलीवुड मूवी वीर जारा के गीत आया तेरे दर पर दीवाना समेत अन्य एलबम व गानों में उन्होंने अपनी आवाज दी है। जावेद को राजस्थान संगीत रत्न, संगीत संचार, राजस्थान गौरव समेत अन्य सम्मानों से नवाजा जा चुका है। जावेद ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन कर जेकेके संगीत को बढ़ावा देने के साथ ही उसकी सेवा भी कर रहा है। इससे संगीत तक लोगों की पहुँच बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि संगीत के बिना जीवन अधूरा है। कोरोना के कारण कलाकारों के चेहरों पर छायी मायूसी की धुंध भी ऐसे कार्यक्रमों से ही छटेगी।
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