सीकर। राजस्थानी युवा मंच के संयोजक जितेन्द्र सिंह कारंगा ने राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए संघर्ष को गति देने हेतु गांवों में ...
सीकर। राजस्थानी युवा मंच के संयोजक जितेन्द्र सिंह कारंगा ने राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए संघर्ष को गति देने हेतु गांवों में जनजागरण अभियान शुरू किया है। कारंगा ने इसकी शुरुआत भगतपुरा गांव से की। उल्लेखनीय है कि राजस्थानी भाषा के मूर्धन्य साहित्यकार स्व. सौभाग्यसिंह शेखावत भगतपुरा गांव के ही थे। साहित्यकार स्व. सौभाग्य सिंह ने स्व. भैरोसिंह शेखावत के मुख्यमंत्री काल में राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए 700 पृष्ठ की एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर सरकार को दी थी। जिसे विधानसभा के पटल पर रखा गया था। कारंगा ने बताया कि भगतपुरा से अभियान की शुरुआत साहित्यकार स्व. शेखावत को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। वीरू फौजी डिफेंस एकेडमी आयोजित कार्यक्रम में कारंगा ने राजस्थानी भाषा की महत्ता व मान्यता से मिलने वाले फायदों पर प्रकाश डाला। कारंगा ने कहा कि गांवों में अभियान के साथ ही होली के बाद वे दिल्ली जाकर मंत्रियों व सांसदों को ज्ञापन देकर मायड़ भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में जुड़वाने के लिए सहयोग का आग्रह करेंगे। इस अवसर पर रविन्द्रसिंह, उपेन्द्रसिंह, मनप्रीतसिंह ने मंच अध्यक्ष परमेश्वर शर्मा व कारंगा का माल्यापर्ण कर व और वीरू फौजी ने साफा पहना कर स्वागत किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वीरू फौजी ने राजस्थानी भाषा की मान्यता की मांग उठाई और मंच के अध्यक्ष परमेश्वर शर्मा व संयोजक जितेन्द्रसिंह कारंगा द्वारा शुरू किया। जनजागरण अभियान की सराहना करते हुए पूर्ण सहायता का वादा किया ।
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