विभागीय व्हाट्सएप ग्रुपों से लेफ्ट होने से विभाग की ऑनलाइन सेवाएं ठप्प प्रदेशभर में काली पट्टी बांधकर पशुचिकित्साकर्मी जता रहे व...
प्रदेशभर में काली पट्टी बांधकर पशुचिकित्साकर्मी जता रहे विरोध प्रदर्शन
जयपुर। राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ का 11 सूत्री मांगों के निराकरण हेतु आंदोलन मंगलवार को भी जारी रहा। संघ के प्रमुख महामंत्री अर्जुन शर्मा जयपुर स्थित पशुपालन विभाग के निदेशालय के समक्ष दूसरे दिन भी आमरण अनशन पर रहे।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय सैनी ने बताया कि विगत 24 फरवरी को पशुपालन मंत्री ने विधानसभा में हुई वार्ता में सात दिन में प्रमुख मांगो को पूरा करने का आश्वासन दिया था परन्तु बीस दिन बाद भी कोई परिणाम नहीं आया। राज्य सरकार द्वारा पशु चिकित्सा कर्मचारियों की उपेक्षा की जा रही है। मजबूरन संघ द्वारा आंदोलन का निर्णय लिय गया है। राज्यव्यापी आंदोलन का परिणाम प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिये नुकसान दायक होगा। संघ की मांगे राज्य सरकार द्वारा गठित मंत्रीमंडलीय उपसमिति द्वारा अनुमोदित होने के उपरान्त भी सरकार क्रियान्विति नहीं कर रही है। इसलिये प्रदेश के कर्मचारी आक्रोशित है।
आज राज्य सरकार के समस्त मंत्रीगणों को ज्ञापन सौंपकर मुख्यमंत्री तक आवाज पहुँचाने की गुहार लगाई। संघ ने माननीय मुख्यमंत्री को मध्यस्थता करने का आग्रह किया है। प्रदेश के समस्त कर्मचारीगण कल से ही विभागीय व्हाट्सऐप ग्रुपों से लेफ्ट हो गये जिससे सूचना सम्प्रेषण कार्य ठप्प हो गया है। संघ की मांगों के निराकरण तक आंदोलन जारी रहेगा। मार्च के अंतिम सप्ताह में प्रान्तव्यापी रैली निकाली जायेगी एवं जरूरत पडी तो आम हड़ताल भी की जावेगी।
यह है प्रमुख मांगे...
पशु चिकित्सा कर्मचारियों के पदनाम परिवर्तन किये जावें।
वेटेरिनरी नर्सिंग कौंसिल की स्थापना की जावें।
पशु चिकित्सा को हार्ड ड्यूटी भत्ता स्वीकृति किया जावें।
पशुधन सहायक प्रशिक्षण की अवधि दो वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष की जावें जिसमे छः माह की इंटर्नशिप शामिल हो।
डिप्लोमा कोर्स का नाम परिवर्तन कर "डिप्लोमा इन वेटेरिनरी साइंस एंड ऐनिमल हसबेंडरी" किया जावें।
पशुधन सहायक का वेतनमान चिकित्सा विभाग में कार्यरत मेल नर्स ग्रेड 2 के समान किया जावें।
COMMENTS