आवंटन कमेटी में सरकारी प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रक्रिया को प्रभावित कर चहेतों पर मेहरबानी की कवायद-पुनीत कर्णावट लाइसेंस कमेट...
आवंटन कमेटी में सरकारी प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रक्रिया को प्रभावित कर चहेतों पर मेहरबानी की कवायद-पुनीत कर्णावट
लाइसेंस कमेटी के अधीन रहे डेयरी बूथ आवंटन की सम्पूर्ण प्रक्रिया-पुनीत कर्णावट
जयपुर। ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने प्रदेश के नगर निकाय क्षेत्रों में संचालित किए जाने वाले डेयरी बूथों की आवंटन प्रक्रिया में राज्य सरकार के बेवजह हस्तक्षेप का विरोध करते हुए इसे स्थानीय सरकारों के अधिकार क्षेत्र में दखलन्दाजी बताया और कहा कि आवंटन कमेटी में सरकारी प्रतिनिधियों की नियुक्ति करने का राज्य सरकार का निर्णय भ्र्ष्टाचार करके अपने चहेतों एवं विशेष विचारधारा के लोगों को फायदा पहुंचाने की कवायद है।
पुनीत कर्णावट में कहा कि सदैव से यह परम्परा रही कि नगर निगम ,नगर परिषद व नगर पालिका क्षेत्र में डेयरी बूथों व पान की थडियों का आवंटन जनप्रतिनिधियों की लाइसेंस कमेटी द्वारा पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाता है। परन्तु वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू से निगम निकायों के आर्थिक व प्रशासनिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है तथा अलोकतांत्रिक निर्णय लेकर स्थानीय सरकारों को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि पूरे प्रदेश के निकाय क्षेत्रों में लगभग 5 हजार तथा जयपुर में लगभग 500 डेयरी बूथों के आवंटन हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। राज्य सरकार ने अपनी चिरपरिचित भ्र्ष्ट नीति के तहत आवंटन कमेटी में सरकारी प्रतिनिधियों का मनोनयन करने का निर्णय लेकर लाइसेंस समितियों के अधिकारों पर कुठाराघात करने का काम किया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि निकाय क्षेत्र में संचालित डेयरी बूथों हेतु जमीन आवंटन से लेकर उनकी नियमित मोनिटरिंग व शुल्क जमा इत्यादि सहित बूथों के आवंटन की समस्त प्रक्रिया स्थानीय निकायों की लाइसेंस समिति द्वारा ही निष्पादित की जाती है। ऐसे में लाइसेंस कमेटी से अधिकार छीनकर प्रशासनिक अधिकारी के नेतृत्व में सरकारी प्रतिनिधियों को रखकर कमेटी गठित करने के निर्णय से सरकार की नीति व नियत पर सवाल खड़े होना स्वाभाविक है। यदि सरकार की नियत पाक साफ है तो निगम क्षेत्र में डेयरी आवंटन प्रक्रिया में बेवजह दखल देने तथा कमेटी गठन में मंत्री स्तर पर निर्णय लेने की क्या मजबूरी है। कमेटी गठन में सरकार के निर्णय से भ्र्ष्टाचार की संभावना के बीच अपना हक छिनने के डर से आवेदकों में खासी निराशा एवं रोष व्याप्त है।
पुनीत कर्णावट ने कहा कि आवेदन फार्मों में कमियों व स्क्रूटनी के बहाने मनमाने ढंग से लोगों को अयोग्य घोषित किया जाएगा तथा कमेटी सदस्यों की मदद से प्रक्रिया को प्रभावित करके सैकड़ों योग्य एवं जरूरतमंद लोगों का हक छीन कर कांग्रेसी नेताओं के चहेतों एवं खास विचारधारा के लोगों को बूथ आवंटित किए जाएगें। पुनीत कर्णावट ने राज्य सरकार से कमेटी गठन के निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग करते हुए कहा कि आवंटन प्रक्रिया की पारदर्शिता तथा निकायों के अधिकारों को सुनिश्चित करने हेतु लोकतांत्रिक परम्पराओं का निर्वहन करते हुए बूथ आवंटन प्रक्रिया का सम्पूर्ण अधिकार निकायों की लाइसेंस कमेटी को दिया जाए।
COMMENTS