मेवाड़ त्याग और बलिदान की भूमि, ज्ञान के लिए बने यहां की पहचान उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा की ज्योति से राष्ट्र का निर्माण - राज्यपाल श्री मिश...
मेवाड़ त्याग और बलिदान की भूमि, ज्ञान के लिए बने यहां की पहचान उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा की ज्योति से राष्ट्र का निर्माण - राज्यपाल श्री मिश्र
जयपुर, 25 नवम्बर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि उच्च गुणवत्तापूर्ण व व्यवहारिक शिक्षा की ज्योति से ही वास्तविक रूप से राष्ट्र का निर्माण हो सकता है। इसके लिये विद्यार्थियों को सैद्धान्तिक शिक्षा के साथ व्यवहारिक शिक्षा भी आज की समयानुरूप आवश्यकता है।
राज्यपाल मिश्र गुरुवार को राजसमन्द के गांव बिलोता में मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर के श्रीनाथ पीठ उत्कृष्टता केन्द्र की आधारशिला भूमि पूजन के कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा मानवीयता के गुणों से पूर्ण होने के साथ ही व्यवहारिक हो। उसमें हमारी कला, संस्कृति, दर्शन का भी समावेश होना चाहिए जिससे कि मानव मात्र का कल्याण संभव हो सके।
राज्यपाल ने इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के महत्व को बताते हुये कहा कि इससे हम कौशल विकास, क्षमता व दक्षता संवर्धन व व्यहावहारिक ज्ञान से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढा सकते हैं। उन्होंने इसके लिये सभी विश्वविद्यालयों को इस दिशा में काम करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि शिक्षा पद्धति ऐसी हो जिससे कि विद्यार्थिेयों का बौद्धिक और मानसिक सहित समग्र विकास होकर वे देश के जिम्मेदार नागरिक बन सकें। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति सहनशीलता की प्रतिमूर्ति, कार्यकौशल में दक्ष व अनेक गुणों से परिपूर्ण होती है। उन्होंने स्त्री शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि इसके लिये विशेष प्रबन्ध किये जाने की आवश्यकता है।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि मेवाड़ और नाथद्वारा की पहचान धर्म क्षेत्र के साथ ज्ञान और कला के लिए भी बने। इसके साथ ही उन्होंने मेवाड़ को त्याग, तपस्या, बलिदान और शौर्य, की भूमि बताते हुये यहां के धर्म, दर्शन, कला, संस्कृत और परम्पराओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। राज्यपाल मिश्र ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का पठन भी किया।
आने वाला समय सूचना और तकनीक का, बालिकाओं को अवश्य पढायें - विधानसभा अध्यक्ष
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि आने वाला समय सूचना और तकनीक का है जिन्हें हर जानकारी हासिल होगी, वे ही जीवन में आगे बढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि माता-पिता पढ़े-लिखे होंगे, तो बच्चे भी जीवन में सरलता और सहजता से आगे बढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में ऑनलाइन अध्ययन का महत्व बढ गया है परन्तु ये सही दिशा में आगे बढ़नी चाहिए। उन्होंने बालिका शिक्षा के महत्व पर बल देते हुये कहा कि कम आयु में बालिकाओं का विवाह ना करें और उन्हें अवश्य पढायें जिससे दो परिवार शिक्षित बन सकेंगें और समाज और देश सही दिशा में आगे बढ सकेगा।
जिला प्रभारी और सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना ने कहा कि राज्य सरकार सभी लोगों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है जिसमें अच्छी शिक्षा देना भी हमारी सरकार की प्राथमिकता है।
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि मेवाड हर क्षेत्र में अग्रणी रहा है और आने वाले समय में इसे शिक्षा के क्षेत्र में और आगे ले जाने के लिये कदम उठाये जायेंगे।
सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह ने इस कैम्पस की स्थापना की पृष्ठभूमि पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम को लक्ष्यराज सिंह ने भी सम्बोधित किया।
समारोह में जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल, राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल, प्रशासनिक अधिकारी एवं गणमान्यजन उपस्थित रहे।
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