अनूठी पहल रिश्ता पक्का होते ही बेटे पक्ष की ओर से दहेज में तरह-तरह के सामान की मांग करने की आवाज आनी शुरू हो जाती है।तो वहीं बेट...
रिश्ता पक्का होते ही बेटे पक्ष की ओर से दहेज में तरह-तरह के सामान की मांग करने की आवाज आनी शुरू हो जाती है।तो वहीं बेटी वाले भी शादी में किसी सामान की कमी न रहे इसके लिए दिन-रात लगे रहते है लेकिन अब समय बदल रहा है।पढे-लिखे युवा इस दहेज वाली प्रथा का विरोध करते हुए दिखाई दे रहे हैं।उनकी सोच है कि दहेज लेन-देन के चक्कर में कई बार बनते-बनते रिश्ता टूट जाता है जिससे दोनों परिवारों को परेशानी झेलनी पड़ती है।समाज में दहेज की प्रथा का विरोध करते हुए सोमवार को जाट समाज के एक युवा ने देशभर में मिसाल पेश की है।इसमें दूल्हे ने दहेज में केवल एक रूपया व नारियल लेकर दहेज प्रथा के खिलाफ मिसाल पेश की है।दूल्हा विधायक रामनिवास गावड़िया ने बताया कि वो शुरू से ही दहेज प्रथा के खिलाफ है।ऐसे में उसने पहले से ही यह तय कर लिया था कि जब भी उसकी शादी होगी वो दहेज नहीं लेगा तथा दहेज प्रथा के खिलाफ लोगों को जागरूक करेगा।शादी समारोह में दूल्हे द्वारा दहेज नहीं लेने पर वहां मौजूद लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त की।
बता दें कि चुरू जिले के सुजानगढ़ के जेठाराम सारण ने अपनी बेटी डॉ मोनिका सारण की शादी नागैर जिले के गांव जसराणा कुचामनसिटी,परबतसर के त्रिलोक गावड़िया के बेटे विधायक रामनिवास गावड़िया के साथ तय की थी।
सोमवार को दूल्हा रामनिवास गावड़िया बारात के साथ कस्बा सुजानगढ़ में पहुंचा।जहां पर वरमाला से पहले दुल्हन वालों की ओर से दूल्हे को सामान आदि देने की रस्म हुई तो गोद में रखा एक रूपया व नारियल को ही साक्षी मानते हुए अन्य किसी भी प्रकार का कीमती सामान नही देने का आग्रह करते हुए कहा कि यह भी मेरा घर है।मुझे अलग से कुछ नहीं चाहिए।दूल्हे की दहेज न लेने की बात सुनकर दुल्हन वालों की आंखे नम हो गई तो वहीं क्षेत्र में दहेज न लेने पर चर्चा का विषय बना हुआ है।दूल्हे विधायक रामनिवास गावड़िया का कहना है कि वह वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र परबतसर,नागौर से विधायक है व आमजन की सेवा कर रहा है और समाज में दहेज को लेकर रिश्ते टूटने की तक की नौबत आ जाती है।आज की पीढ़ी को वर्षों पुरानी प्रथा को खत्म करनी है।यह तभी संभव होगा जब युवा आगे आएगा।
दूल्हे ने किया समाज में जागरूकता का काम
दुल्हन के पिता जेठाराम सारण, परिवार के सदस्य अंकित सारण,का कहना है कि जिस प्रकार रामनिवास गावड़िया ने दहेज न लेकर समाज में एक मिशाल पैदा की है।उससे समाज में बेटियों के जन्म होते ही पिता को शादी के खर्चे को लेकर तंग होने की जरूरत नहीं होगी।उन्होंने कहा कि दहेज एक कुप्रथा है।इससे कई घर टूट जाते हैं। इसीलिए हम सबको यही प्रेरणा लेनी चाहिए कि शादी में न तो दहेज लेना चाहिए ओर न ही देना चाहिए।
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