जयपुर। राजस्थानी भाषा को मान्यता को लेकर लंबे समय से प्रदेश में मांग जारी है।बुधवार को विधानसभा में भी जालौर से विधायक जोगेश्वर...
जयपुर। राजस्थानी भाषा को मान्यता को लेकर लंबे समय से प्रदेश में मांग जारी है।बुधवार को विधानसभा में भी जालौर से विधायक जोगेश्वर गर्ग ने राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की मांग की।
वही पूर्व IPS और विधायक हरीश मीणा ने राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की मांग का विरोध किया। मीणा ने कहा कि राजस्थानी भाषा के नाम पर प्रदेश में बांटने की बातें की जा रही है। प्रदेशवासियों को रोजगार और महंगाई से बचाने का प्रयास सरकार को करना चाहिए।
मीणा ने कहा कि राज्य सरकार अगर राजस्थानी भाषा को मान्यता देगी, तो वे इसका खुलकर विरोध करेंगे। मीणा ने तर्क दिया कि राजस्थान में हर जिले की अपनी अलग भाषा है और भाषा को मान्यता उसकी लिपि के आधार पर मिलती है। ये भाषा नहीं बोलियां है। मीणा ने कहा कि कुछ लोग प्रदेश में बनी शांति व्यवस्था को बिगाड़ कर अब यहां जाति धर्म और क्षेत्र के बाद भाषा के नाम पर बंटवारा करना चाहते हैं। ऐसे लोगों का वह खुलकर विरोध करेंगे भले ही विरोध अकेले ही क्यों ना करना पड़े।
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