सिटी पैलेस में जल्द लॉन्च होगा पीडीकेएफ स्टोर जयपुर, 27 नवंबर। प्रिंसेस दीया कुमारी फाउंडेशन (पीडीकेएफ) जल्द जयपुर के सिटी पैलेस...
जयपुर, 27 नवंबर। प्रिंसेस दीया कुमारी फाउंडेशन (पीडीकेएफ) जल्द जयपुर के सिटी पैलेस में 'पीडीकेएफ स्टोर' लॉन्च करने जा रहा है। पीडीकेएफ आउटलेट एवं ऑनलाइन स्टोर, फाउंडेशन द्वारा प्रशिक्षित महिला कारीगरों के काम को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करेगा। यह राजस्थान के पारंपरिक शिल्प के समसामयिक रूपांतरण पर आधारित होगा। इस कलेक्शन को जयपुर की प्रिंसेस दीया कुमारी की सुपुत्री, प्रिंसेस गौरवी कुमारी और फ्रेंच डिजाइनर, क्लेयर डेरू द्वारा डिजाइन किया गया है।
प्रिंसेस गौरवी कुमारी ने कहा कि "पीडीकेएफ की शुरुआत मेरी मां ने 2013 में की थी। महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रेरित करने वाले उनके कार्यों को देखते हुए मैं बड़ी हुई हूं। पीडीकेएफ स्टोर न केवल पीडीकेएफ ब्रांड को आगे बढ़ाएगा बल्कि फाउंडेशन की पहुंच का विस्तार करते हुए राजस्थान एवं देश भर की महिलाओं को अधिक से अधिक जोड़ेगा और मदद प्रदान करेगा। पीडीकेएफ से जुड़ी महिलाएं बेहतरीन प्रोडक्ट बना रही हैं, जो कि राजस्थान, इसकी संस्कृति और विरासत शिल्प का प्रतिबिंब है। गत कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय और यात्रा के दौरान मैंने जो कुछ भी सीखा है, उसका उपयोग इनकी डिजाइन की समझ को और निखारने में किया है। वैश्विक स्तर पर, यह ब्रांड राजस्थान के पारंपरिक विरासत रूपांकनों और कंटेम्परेरी डिजाइन के सुंदर अनुकरण पर आधारित है।''
इसके माध्यम से डिजाइनर का विचार पारंपरिकता के साथ ट्रेंडी प्रोडक्ट बनाने का है। फाउंडेशन महिलाओं को हेरिटेज एवं पारंपरिक शिल्प तकनीक जैसे गोटापट्टी, थ्रेड वर्क, ऐप्लीक, ब्लॉक प्रिंटिंग आदि में प्रशिक्षित करता है। इसके कलेक्शन में कपड़ों से लेकर एक्सेसरीज शामिल होंगे और मुख्य रूप से प्राचीन तकनीक को आधुनिक डिजाइन्स के साथ प्रदर्शित किया जाएगा।
प्रिंसेस दीया कुमारी फाउंडेशन राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में वंचित महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए पिछले 7 वर्षों से काम कर रही है। पूरे राजस्थान में पीडीकेएफ के 5 केंद्र काम करते हैं और कौशल निर्माण एवं आजीविका, लड़कियों की शिक्षा, वित्तीय तथा डिजिटल साक्षरता और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता इसके मुख्य कार्यक्रम क्षेत्र हैं।
पीडीकेएफ स्टोर का उद्देश्य पीडीकेएफ की महिला कारीगरों के कौशल को बढ़ावा देना है। यह पहल उनकी क्षमता को अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करेगी और उनके आर्थिक एवं समग्र सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करेगी।
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