निगम मुख्यालय में किसके आदेश से लगा दिए तार जयपुर । निजी इंटरनेट कंपनी एसीटी ACT ने पहले जयपुर शहर में 750 पोल की अनुमति लेकर हजारों विद्युत...
निगम मुख्यालय में किसके आदेश से लगा दिए तार
जयपुर। निजी इंटरनेट कंपनी एसीटी ACT ने पहले जयपुर शहर में 750 पोल की अनुमति लेकर हजारों विद्युत पोल काम में ले लिए और अब निगम मुख्यालय में भी बिना अनुमति तार डाल दिए। दरअसल बैंगलोर की अटरिया कंवर्जेंंस टेक्नोलॉजी लिमिटेड ने नगर निगम से वर्ष 2018 में शहर में 750 बिजली के पोल पर इंटरनेट वायर डालने की स्वीकृति ली थी और गुपचुप शहर में आठ से दस हजार से ज्यादा पोल पर वायर डाल दिए। जब मुख्यमंत्री कार्यालय में इसकी शिकायत हुई तो निगम अधिकारी हरकत में आए और कंपनी के गोपालपुरा बाईपास और सी स्कीम इलाके में तार काट कर जब्त किए गए। इसके बाद कंपनी की ओर से निगम में 3300 पोल और लेने की प्रार्थना पत्र दिया गया और 50 लाख रूपए जमा भी करवा दिए। इसी बीच कंपनी की ओर से निगम मुख्यालय में फ्री इंटरनेट कनेक्शन देकर वाई फाई शुरू करने का आफॅर दिया और काम भी शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि कंपनी के कर्मचारियों की ओर से 62 डिवाइस इंस्ट्राल करने का काम लगातार जारी है,लेकिन अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि कंपनी को इस फ्री वाई फाई सेवा की अनुमति आखिर दी किसने। निगम अधिकारियों के अनुसार अभी कंपनी ने केवल प्रपोजल ही दिया था,लेकिन काम किसकी अनुमति से किया जा रहा है,यह किसी को नहीं पता।
जयपुर नगर निगम तो हो चुका था वाईफाई
20 नवंबर 2017 को तात्कालीन महापौर अशोक लाहोटी ने बीएसएनएल के साथ प्रेसवार्ता कर निगम को वाई फाई करने की घोषणा की थी। इस दौरान राज्यसभा सांसद राजकुमार वर्मा, उप महापौर मनोज भारद्वाज, दूरसंचार सलाहकार समिति के सदस्य अशोक गर्ग, पार्षद, आयुक्त रवि जैन, बीएसएनएल के महाप्रबंधक परिचालन एसएस अग्रवाल सहित अन्यअधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। तो ऐसे में बीएसएनएल को हटाकर इस निजी कंपनी को काम देने का कारण समझ से परे है।
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