जयपुर। सुहाग पर्व गणगौर पर सोमवार को त्रिपोलिया गेट से गणगौर की शोभायात्रा निकाली गई। उधर, होली के दूसरे दिन से गणगौर का पूजन कर रही सुहागि...
जयपुर। सुहाग पर्व गणगौर पर सोमवार को त्रिपोलिया गेट से गणगौर की शोभायात्रा निकाली गई। उधर, होली के दूसरे दिन से गणगौर का पूजन कर रही सुहागिन महिलाओं, नवविवाहिताओं और कुंवारी युवतियों ने सोमवार को गणगौर का विशेष पूजन कर आकर्षक श्रृंगार किया और घेवर का भोग लगाया। गणगौर सहित सभी विग्रहों का मिट्टी के कुंडे में विराजमान कर शोभायात्रा के दर्शन कराकर जल स्त्रोत में प्रवाहित किया। शोभायात्रा में सबसे आगे हाथी चल रहा था जिस पर जयपुर रियासत का पचरंगी ध्वज लिए व्यक्ति बैठा था। इसके बाद ऊंट, घोड़ों के साथ बैलगाड़ी और रजवाड़ों के जमाने के सैनिक भी साथ चल रहे थे। कालबेलिया और कच्ची घोड़ी जैसे लोक कलाकार भी इसकी शान बढ़ा रहे थे। पिछले कई सौ सालों से चली आ रही इस परंपरा को देखने के लिए खास तौर से बड़ी संख्या में देशी-विदेशी मेहमान भी यहां पहुुंचे। त्रिपोलिया गेट से लेकर त्रिपोलिया बाजार, गणगौरी बाजार, छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़ का रास्ता पैदल यात्रियों के अलावा सभी तरह के वाहनों के लिए बिल्कुल बंद कर दिया गया। हाथी-ऊंट, घोड़े के साथ गणगौर की सवारी के साथ शाही लवाजमा आकर्षण को केन्द्र रहा। शोभायात्रा को देखने के लिए त्रिपोलिया गेट के सामने और बरामदों में हजारों की संख्या में लोग खड़े रहे। होटल की हिन्द की छत पर विदेशी पर्यटकों ने शोभायात्रा के दृश्य को कैमरों में कैद किया। प्रारंभ में सिटी पैलेस के जनानी ढ्योढ़ी में पूर्व राजपरिवार की महिलाओं ने गणगौर का श्रृंगार कर पूजन किया। इसके बाद शाही बग्गी में गणगौर माता को विराजमान कर त्रिपोलिया गेट से रवाना किया। गणगौर की सवारी आने से पूर्व तक हाथी-घोड़े-ऊंट का लवाजमा पहले ही निकल चुका था। लोक कलाकार नृत्य की छटा बिखेर रहे थे। पारम्परिक वेशभूषा में चल रहे दरबान हाथों में मशाल लिए चल रहे थे। शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। गणगौर की शोभायात्रा के लिए राजस्थान पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन, सवाई मानसिंह द्वितीय संग्राहलय ट्रस्ट, नगर निगम जयपुर ने व्यवस्थाएं संभाली। मुख्य आकर्षण कच्ची घोड़ी नृत्, कालबेलिया नृत्य, बहुरूपिया, अलगोजा, गैर, चकरी नृत्य रहे। शोभायात्रा के साथ जयपुर के मशहूर बैंड अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां देते हुए साथ साथ चल रहे थे। जिया बैंड शोभायात्रा के सबसे आगे चल रहा था। छोटी चौपड़ होते हुए शोभायात्रा चौगान स्टेडियम पहुुंची।
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