जयपुर। आलंपियन कृष्णा पूनिया ने कहा कि कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर केंद्र में बड़े मंत्री हैं, लेकिन आम जनता के लिए कुछ भी नहीं कर पाए. खेल ...
जयपुर। आलंपियन कृष्णा पूनिया ने कहा कि कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर केंद्र में बड़े मंत्री हैं, लेकिन आम जनता के लिए कुछ भी नहीं कर पाए. खेल मंत्री होते हुए भी कहीं भी खेल का कोई भी मैदान नहीं बन पाया।
इस बार 2014 लोकसभा चुनाव में दो पूर्व ओलंपियन आमने-सामने होंगे। कांग्रेस ने जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र से राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के खिलाफ आलंपियन कृष्णा पूनिया को मैदान में उतारा है. इस बारे में जब कृष्णा पूनिया से बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि वो भी ओलंपियन हैं और मैं भी, मगर दोनों में फर्क ये है कि मैंने खेत-खलिहान में पसीना बहाकर मुकाम हासिल किया है, जबकि वे एसी कमरों में बैठकर खेल के मैदान तक पहुंचे हैं।
आगे उन्होंने कहा कि मैं किसान की बेटी हूं और आम लोगों की तरह जिंदगी जिया है। सादुलपुर से कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया जब जयपुर पहुंची तो बड़ी संख्या में उनके स्वागत के लिए लोग आए थे. पूनिया ने कहा कि उन्हें पहले से पता नहीं था कि वह कांग्रेस से जयपुर ग्रामीण सीट से लोकसभा का उम्मीदवार हो सकती हैं, जैसे बाकी लोगों के लिए मेरा नाम चौंकाने वाला था उसी तरह मुझे भी आश्चर्य हुआ. आगे पूनिया ने कहा कि मैं यहां पर चुनाव जीतने आई हूं.
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले 5 सालों में जिस तरह से लोगों को ठगा है, जुमले बोले हैं, उसके खिलाफ में वोट मांगूंगी. कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर के लिए कहा कि केंद्र में बड़े मंत्री हैं, दो दो मंत्रालय उनके पास रहे लेकिन राजस्थान का युवा उनके दिल्ली स्थित शाही निवास से खाली हाथ लौटा और दुख की बात यह रही की राजस्थान का युवा उनके निवास और दफ्तर मे उनके ही मंत्रालय मे कर्मचारी चयन आयोग / संघ लोक सेवा आयोग से चयनित होकर नियुक्ति के लिए दर दर की ठोकरे खाता रहा लेकिन वातानुकूलित संस्कृति मे पले बड़े राठौड़ साहब और उनके स्टाफ ने इन युवाओ के साथ नियुक्ति के नाम पर बेहूदा और शर्मनाक मजाक किया क्योंकि इनमे सबसे ज्यादा प्रभावित ब्राह्मण, यादव, जाट, गुर्जर, मीणा और एससी समाज के मजबूर युवा है राठौड़ साहब और उनके स्टाफ की तरह वातानुकूलित और हुकमसाहब की संस्कृति में पैदा हुए खुशनसीब नही है और अफसोस की बात है कि आज भी ये नौजवान चयन के तीन साल बाद भी नियुक्ति की राह तक रहे है। जब मेरे नाम की घोषणा पार्टी ने जयपुर ग्रामीण से की तो ये लोग मुझसे मिले और अपनी पीड़ा से वाकिफ करवाया । दो मंत्रालयो के मंत्री होते हुए भी ना तो रोजगार दे पाए और ना ही राजस्थान के खिलाड़ियो के लिए कोई खेल का मैदान दे पाए .
पूनिया ने कहा कि बालाकोट स्ट्राइक हमले का कोई बहुत ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है, क्योंकि आम जनता जानती है कि कांग्रेस शासन के दौरान वे इस तरह से हमले हुए, लेकिन राजनीति के लिए हमने कोई प्रचार नहीं किया, यह चुनाव जनता का चुनाव है और जनता के लिए जनता के मुद्दों पर हो रहा है. गौरतलब है कि कृष्णा पूनिया राज्यवर्धन सिंह राठौर से पहले चुनावी मैदान में आ चुकी थीं. 2013 में उन्होंने चूरू के सादुलपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा था मगर बहुजन समाज पार्टी के मनोज न्यांगली से चुनाव हार गई थी. हालांकि, 2018 विधानसभा चुनाव में कृष्णा पूनिया ने चुरू के सादुलपुर सीट से जीता है, जबकि राज्यवर्धन सिंह राठौर 2014 में लोकसभा जयपुर ग्रामीण सीट से जीते है।
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