लेकिन पुरानी दरे प्रिंट होने से ग्राहकों और दुकानदारों में तकरार जयपुर। अंग्रेजी शराब पीने वाले शौकीनों को एक अप्रैल से शराब खरीदने के लिए ज...
लेकिन पुरानी दरे प्रिंट होने से ग्राहकों और दुकानदारों में तकरार
जयपुर। अंग्रेजी शराब पीने वाले शौकीनों को एक अप्रैल से शराब खरीदने के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। लेकिन इसे विभाग की लापरवाही कहे या शराब निर्माता कंपनियों की गड़बड़ी की अभी भी दुकानों पर पुरानी पैकिंग की शराब बिक रही है,जिसके चलते दुकानदारों और ग्राहकों में तकरार देखने को मिल रही है।
बीते साल की तुलना में इस साल अंग्रेजी शराब के दामों में दस से पंद्रह फीसदी तक बढ़ोतरी की गई है। लेकिन आरएसबीसीएल के गौदाम में पुराने स्टॉक के ढेर लगे है,ऐसे में शराब की दुकानों पर पुराना मॉल ही सप्लाई हो रहा है। पुराने मॉल पर पिछली साल की स्वीकृत दरें छपी होने के चलते ग्राहक और दुकानदारों में तकरार हो रही है। वहीं, अभी भी कुछ ब्रांड की दरे स्वीकृत नहीं हुई है,जिसके चलते दुकानों पर उस ब्रांड विशेष के ग्राहकों को दुकानों से मायूस लोटना पड़ रहा है।
शराब की अब तक जाे दुकानें खुली हैं, उनमें पुराने प्रिंट रेट वाली शराब की आपूर्ति की गई है। लेकिन नए रेट पर शराब की बिक्री की जा रही है। विभागीय सूत्राें का कहना है कि पुराने स्टाॅक खत्म होने के बाद नए प्रिंट रेट वाली शराब की आपूर्ति हाे पाएगी।
आरएसबीसीएल के गौदाम से जो माल मिल रहा है,वहीं बिक रहा हैं। अब उसमें पुरानी दर का प्रिंट स्टॉक शामिल है।
रेखा माथुर,जिला आबकारी अधिकारी
नई दरे अप्रुव्ड हो गई है,लेकिन पुराना स्टॉक भी तो निकालना है।जल्द ही दुकानों पर नई एमआरपी की प्रिंट आ जाएगी।
सुखबीर सैनी
कार्यपालक निदेशक,आरएसबीसीएल
COMMENTS