26 जनवरी तक सभी चयनित संस्थानों को लक्ष्य सर्टिफिकेशन प्राप्त करने का टारगेट - अच्छा काम करने वाले 26 जनवरी को होंगे सम्मानित जयपुर, 26 मार्...
26 जनवरी तक सभी चयनित संस्थानों को लक्ष्य सर्टिफिकेशन प्राप्त करने का टारगेट
- अच्छा काम करने वाले 26 जनवरी को होंगे सम्मानित
जयपुर, 26 मार्च। प्रदेश में पिछले दस वर्ष में संस्थानिक प्रसव का प्रतिशत 22 से बढकर 80 प्रतिशत से अधिक हो गया है। इसके साथ ही अब हमारे सामने लेबर रूमस एवं मेटरनिटी आपरेशन थिएटर्स में आने वाली प्रसूता को क्वालिटी युक्त एवं सम्मानजनक मेटरनिटी केयर उपलब्ध कराने की चुनौती है। इसे पूरा करने के लिए हमें प्रदेशभर में चयनित 72 लेबर रूम्स एवं 72 मेटरनिटी आपरेशन थिएटर्स को गुणवत्ता के विभिन्न मानकों को पूरा कर हर हाल में लक्ष्य सर्टिफिकेशन प्राप्त करना है। साथ ही अन्य लेबर रूम्स एवं मेटरनिटी ओटी को भी इसी आधार पर सुदृढ़ करना है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के विषिष्ट शासन सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम डाॅ.समित शर्मा ने मंगलवार को यहां होटल क्लाक्र्स आमेर में प्रारम्भ हुई 'रीजनल ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनिग फोर लक्ष्य क्वालिटी इनिषिएटिव एण्ड स्टेट फाइंडिंग्स विषयक'' दो दिवसीय प्रषिक्षण कार्यषाला के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजस्थान में लेबर रूम एवं मेटरनिटी ओटी की स्थिति में सुधार के गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा इसके लिए लक्ष्य सर्टिफिकेषन कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है जिसमें प्रदेष के 72 लेबर रूम एवं 72 मेटरनिटी ओटी का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि न केवल लक्ष्य सर्टिफिकेषन के लिए चयनित बल्कि प्रदेष के सभी लेबर रूम्स एवं मेटरनिटी आॅपरेषन थिएटर्स में सुधार के लिए काम किया जा रहा है।
वर्तमान में इन लेबर रूम्स एवं मेटरनिटी ओटी में सुधार की काफी गंुजाइष है। क्लिनिकल सर्विसेज, सपोर्टिव सर्विसेज, सर्विस प्रोविजन्स, पेषंेट राइट, इनपुट आउटकम, इनफेकक्षन कन्ट्रोल, क्वालिटी केयर जैसे क्षेत्रों में इनपर काम किया जाना है ताकि प्रदेष में मातृ एवं षिषु मृत्युदर को और कम किया जा सके। अच्छा काम करने वालों को 26 जनवरी को सम्मानित किया जाएगा।
शर्मा ने राज्य स्तर से सर्टिफाइड 16 लेबर रूम व 10 ओटी को 15 अगस्त से पहले एवं शेष को 26 जनवरी 2020 तक लक्ष्य सर्टिफाइड कराने की चुनौती अधिकारियों के सामने रखी। उन्होंने दक्षता मेंटर्स एवं यूनिसेफ के प्रतिनिधियों को उनके कार्यक्षेत्र के जिलों में चयनित लेबर रूम्स एवं ओटी के लक्ष्य सर्टिफिकेषन के लिए प्रयास करने को कहा। उन्होंने इसके लिए सभी मेडिकल काॅलेज में अगले तीन माह में कार्मिकों को प्रायोगिक प्रषिक्षण एवं मेडिकल काॅलेजांे मंे लेबर ड्रिल काॅर्नर स्थापित करने के निर्देष दिए।
डाॅ.शर्मा ने कई जगह क्षमता विकसित किए जाने के बावजूद प्रसव नहीं करवाए जाने और रैफर कर प्रसूता को दूसरे चिकित्सालयों में भेजे जाने की प्रवृत्ति को गंभीरता से लेते हुए चिकित्सा अधिकारियों को इसपर रोक लगाने के निर्देष दिए। मिषन निदेषक ने कहा कि कई मेडिकल काॅलेज इस अभियान से अब तक अछूते रहे हैं। मेडिकल काॅलेज मेें सभी को स्टेण्डर्ड प्रोटोकाॅल का पता होना चाहिए। उन्होनंे कहा कि किसी भी लेबर रूम में इन्फेक्षन कन्ट्रोल के लिए उसी तरह के उपाय अपनाने चाहिए जैसे किसी आॅपरेषन थिएटर में काम लिए जाते हैं।
उद्धाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उपायुक्त, मातृ स्वास्थ्य डाॅ.दिनेष बासवाल ने कहा कि लेबर रूम्स एवं मेटरनिटी ओटी का राष्ट्रीय स्तर पर मानकीकरण कर दिया गया है। इसके लिए 20 इंडीकेटर का ध्यान रखा जाता है। कार्यशाला को राजस्थान यूनिसेफ प्रभारी डाॅ.इजाबेल ने भी सम्बोधित किया। कार्यषाला में नागालैण्ड, गुजरात, गोवा, लक्ष्यद्वीप, महाराष्ट्र, दादरा एवं नगर हवेली से राज्य प्रतिनिधि, मातृ स्वास्थ्य एवं लक्ष्य पीएमयू टीम के उपायुक्त, मेडिकल काॅलेजों से सम्बद्ध मेटरनिटी विंग के चिकित्सा अधीक्षक, विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधि, राष्ट्रीय स्तर के मास्टर टेªनर्स, एनएम दक्षता मेंटर्स ने हिस्सा लिया।
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सोनोग्राफी केन्द्रों के रजिस्ट्रेशन एवं नवीनीकरण की प्रक्रिया होगी ऑनलाइन
-प्रदेश के लगभग 700 सोनोग्राफी केन्द्रों के संचालकों से सीधी बात
जयपुर, 26 मार्च। प्रदेश में संचालित सोनोग्राफी केन्द्रों के रजिस्ट्रेशन एवं इनके नवीनीकरण की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी एवं सुगम बनाने के लिये यथाशीघ्र पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जायेगा। साथ ही पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रावधानों को सरल भाषा में विभागीय वेबसाईट पर भी अपलोड किया जायेगा।
विशिष्ट शासन सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. समित शर्मा ने मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित वीडियो कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, उपखंड स्तरीय समुचित प्राधिकारी, जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक एवं प्रदेशभर के लगभग 700 सोनोग्राफी केन्द्र संचालकों से सीधी बात कर पीसीपीएनडीटी अधिनियम की क्रियान्विति के संबंध में समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रेशन एवं इनके नवीनीकरण हेतु दिये जाने वाले शुल्क के भुगतान की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन किया जायेगा।
मिशन निदेशक ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रदेश में भू्रण लिंग परीक्षण एवं अवैधानिक गर्भपात को रोकने के लिये प्रभावी कार्ययोजना बनाकर कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी से संबंधित फार्म 'एफ' की ऑडिट एवं मॉनिटरिंग कर भ्रूण लिंग परीक्षण एवं अवैधानिक गर्भपात में लिप्त केन्द्रों का चयन कर पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप सख्त कार्यवाही करने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। उन्होंने गांव-गांव में बेटी बचाओ का संदेश पहुंचाने के लिये व्यापक स्तर पर जागरुकता गतिविधियां आयोजित करने के भी निर्देश दिये।
मिशन निदेशक ने सोनोग्राफी केन्द्र संचालकों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सीधी बात कर भू्रण लिंग परीक्षण रोकने के लिये आवश्यक सुझाव मांगे। उन्होंने संचालकों को स्वयं कभी भू्रण लिंग परीक्षण जैसे घृणित कार्य में लिप्त नहीं होने एवं अन्य लोगों को भी 'बेटी बचाओ' के प्रति प्रेरित करने की शपथ दिलायी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व परियोजना निदेशक पीसीपीएनडीटी श्रीमती शालिनी सक्सेना ने पीसीपीएनडीटी एक्ट की क्रियान्विति की प्रगति रिपोर्ट पर जिलेवार समीक्षा की। उन्होंने पीसीपीएनडीटी अधिनियम के क्रियान्वयन संबंधित पंजीकरण व पंजीयन के नवीनीकरण हेतु प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों को 24 घंटे के अंदर ऑनलाइन करने के साथ ही सोनोग्राफी मशीन आदि की सूचना का इन्द्राज इम्पेक्ट सॉफ्टवेयर में करने के निर्देश दिये। उन्होंने पंजीकृत सोनोग्राफी केन्द्रों के समुचित प्राधिकारियों द्वारा किये जाने वाले निरीक्षण की पीआईआर प्रति को भी इम्पेक्ट सॉफ्टवेयर पर अपलोड करने के निर्देश दिये हैं।
वीसी में एडीपी श्री अब्दुल समद चिश्ती एवं एनआईसी के वरिष्ठ विश्लेषक श्री मनोज प्रकाश सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।
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